गोवर्धन पूजा भगवान श्री कृष्णा और गोवर्धन की पूजा करने का विधान है, दीपावली के अगले दिन ,गोवर्धन पूजा कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है |गोवर्धन पूजा का पर्व तीसरे दिन का पर्व होता है जो दीपावली के तीसरे दिन मनाया जाता है | 5 दिन की दिवाली में तीसरे नंबर पर गोवर्धन पूजा का दिवस आता है |
गोवर्धन पूजा क्यों होती है ?मान्यता है श्री कृष्ण भगवान ने इसी दिन गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुल वासियों की रक्षा की थी देवों के इंद्र ने अहंकार में आकर गोकुल में अत्यधिक वर्षा की इसी वर्षा से बचने के लिए श्री कृष्ण भगवान ने अपनी चींटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया क्योंकि यह पर्वत बहुत बड़ा था जिससे बारिश का पानी से गोकुल वासियों की रक्षा हुई |
गोवर्धन पूजा मैं क्यों करते हैं अन्नकूट –
ऐसा कहा जाता है कि श्री कृष्ण ने आज के दिन गोकुल वासियों की रक्षा की थी ,रक्षा का आभार जताने के लिए गोकुलवासी गोवर्धन पर्वत का 56 भोग लगाकर विधि विधान से पूजा करने लगे ,तभी से आज तक घरों में गोबर का लेप करके अन्नकूट का भोजन कराया जाता है | और कई सारे व्यंजन, कढ़ी ,चावल , खीर,पूरी ,खिचड़ी और हलवा बनाया जाता है |